Shiv Puran

Shiv Puran

भारतीय जीवनधारा में जिन ग्रंथों का महत्त्वपूर्ण स्थान है, उनमें पुराण भक्ति-ग्रंथों के रूप में बहुत महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। पुराण-साहित्य भारतीय जीवन और संस्कृति की अक्षुण्ण निधि है। इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती हैं। भारतीय चिंतन परंपरा में कर्मकांड युग, उपनिषद युग अर्थात् ज्ञान युग और पुराण युग अर्थात् भक्ति युग का निरंतर विकास होता दिखाई देता है। कर्मकांड से ज्ञान की ओर आते हुए भारतीय मानस चिंतन के ऊर्ध्व शिखर पर पहुंचा और ज्ञानात्मक चिंतन के बाद भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित हुई।

हमारे पुराण साहित्य में सृष्टि की उत्पत्ति, विकास, मानव उत्पत्ति और फिर उसके विविध विकासात्मक सोपान इस तरह से दिए गए हैं कि यदि उनसे चमकदार और अतिरिक्त विश्वास के अंश ध्यान में न रखे जाएं, तो अनेक बातें बहुत कुछ विज्ञानसम्मत भी हो सकती हैं। जहां तक सृष्टि के रहस्य का प्रश्न है विकासवाद के सिद्धांत के बावजूद और वैज्ञानिक जानकारी के होने पर भी, वह अभी तक मनुष्य की बुद्धि के लिए एक चुनौती है। इसलिए जिन बातों का वर्णन सृष्टि के संदर्भ में पुराण-साहित्य में हुआ है, उसे एकाएक पूरी तरह से नहीं नकारा जा सकता।


Auteur | Dr. Vinay
Taal | Engels
Type | E-book
Categorie | Biografieën & Waargebeurd

bol logo

Kijk verder

Boekomslag voor ISBN: 9781386584476
Boekomslag voor ISBN: 9789061750949
Boekomslag voor ISBN: 9781887472883
Boekomslag voor ISBN: 9788171822072
Boekomslag voor ISBN: 9789352786572
Boekomslag voor ISBN: 9789048421138


Boekn ©